हाथ से खाना खाने के फायदों को जानकर आप कांटे- चम्मच को अलविदा कह देंगे!



भारत में पक्षिमी सभ्यता बहुत तेजी से पाँव पसार रही है। इसी का नतीजा है कि पहले के भारत और अब के भारत में काफी अंतर हैं। यहाँ खाने- पीने, पहनावे, और रहन- सहन की संस्कृतियों में काफी बदलाव हुआ है। इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है कि आजकल लोग चम्मच- कांटे से ही खाना खाते हैं। आज के समय में जो लोग हाथ से खाना खाते हैं उन्हें असभ्य माना जाता है। जबकि आपको पता होगा कि हमारे पूर्वज लोग हाथ से ही खाना खाते थे, और बिमारियों से दूर रहकर बहुत स्वस्थ हुआ करते थे। आज के समय में उल्टा हो गया है। जो लोग चम्मच से खाना खाते हैं, वही सभ्य कहलाते है और हाथ से खाने वाला असभ्य। आज के समय में गाँव में भी लोग हाथ से खाने को भूलते जा रहे हैं, वहाँ पर भी पक्षिमी सभ्यता ने अपनी जड़ मजबूती से जमा ली है। आज भी दक्षिण भारत में लोग हाथ से खाना खाते हैं। आयुर्वेद में हाथ से खाना खाने के बारे में बताया गया है और इससे क्या- क्या फायदे होते हैं उनका भी जिक्र किया गया है। आइये आज जानते हैं हाथ से खाने के क्या फायदे हैं?
शरीर में पंच तत्वों का संतुलन बना रहता है:

हर मनुष्य का शरीर पाँच तत्वों से मिलकर बना होता है, इन पाँच तत्वों में अग्नि, जल, हवा, आकाश और पृथ्वी होते हैं। इन सभी तत्वों को ‘जीवन ऊर्जा’ के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार ये सभी पाँच तत्व मनुष्य के हाथ की उंगलियों में ही उपस्थित रहते हैं। मनुष्य के हाथ की पाँचो अंगुलियाँ अलग- अलग तत्वों का प्रतिक होती हैं। इनमे से अंगूठा अग्नि का प्रतीक होता है, तर्जनी उंगली वायु का प्रतीक, मध्यमा उंगली आकाश की, अनामिका उंगली पृथ्वी का प्रतिक होती है और सबसे छोटी उंगली जल का प्रतीक होती है।
जानकारों का कहना है कि अगर शरीर में इन तत्वों का असंतुलन हो जाता है तो लोग बीमार पड़ जाते हैं, जबकि अगर व्यक्ति हाथ से खाना खाता है तो शरीर में पाँचो तत्वों का संतुलन बना रहता है। इसलिए हाथ से खाना खाना बहुत ही फायदेमंद होता है।
पाचन क्रिया सही रहती है:

शरीर की त्वचा पाँच ज्ञानेन्द्रियों में से एक होती है, जब भी हम हाथ से किसी भी चीज को छूते हैं तो इसकी सूचना तुरंत मस्तिष्क को हो जाती है। जब भी हम खाना खाने जाते हैं और हाथ से खाने को जैसे ही छूते है, मस्तिष्क को इसकी सुचना मिल जाती है और वह खाना पचाने के लिए पेट को जानकारी दे देता है। पेट खाना पचाने के लिए तैयार हो जात है और पाचक रसों का स्त्राव करने लगता है जिससे पाचन क्रिया सही रहती है।
अक्सर चम्मच से खाने वालों के मुँह जल जाते हैं, इसका एक ही कारण होता है कि चम्मच से खाने का पता नहीं चल पाता है कि वह कितना गर्म है। लेकिन जब हाथ से खाना खाते हैं तो आपको पता होता है कि खाना कितना गर्म है और आप उसी हिसाब से खाने को मुँह में डालते हैं। इस वजह से हाथ से खाना खाने से आपका मुँह कभी नहीं जलता है।

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